Author : Sukrit Kumar

Published on Feb 15, 2019 Updated 0 Hours ago

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर हो रहे घुसपैठ को रोकने के लिए और दीवार बनाने के लिए कांग्रेस से 5.7 अरब डॉलर की मांग की है, लेकिन अमेरिकी संसद अर्थात कांग्रेस ने इसकी मंजूरी नहीं दी।

कामबंदी खत्म, लेकिन अमेरिका-मेक्सिको पर “दीवार” से कोई समझौता नहीं

हाल ही में अमेरिका का व्हाइट हाउस लगातार 5 सप्ताह से कामबंदी के संकट से जूझता रहा। यह अमेरिका के इतिहास में सबसे लंबे समय तक रहने वाली कामबंदी है। दरअसल अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की डोनॉल्ड ट्रंप की महत्वाकांक्षी योजना पर आने वाले खर्च को लेकर सदन में बिल पास नहीं हो सका जिसकी वजह से ट्रंप ने सरकारी कामबंदी घोषित कर दी। नतीजतन, आठ लाख कर्मचारी घर बैठने को मजबूर हो गए थे। इसके आलावा इन 35 दिनों में सरकारी बंदी में संयुक्त राज्य अमेरिका की अर्थव्यवस्था को 11 बिलियन डॉलर का नुक़सान हुआ।

हालाँकि 35 दिनों से चल रहे कामबंदी को अस्थाई रूप से खत्म कर दिया गया है लेकिन ट्रंप ने कहा है कि कांग्रेस के साथ बिना उचित समझौते के सरकार फिर से कामबंदी कर सकती है या मेक्सिको की सीमा पर आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठा सकती है।

ट्रम्प के शासनकाल में यह तीसरी बार कामबंदी है। इससे पहले पिछले वर्ष जनवरी में 3 दिन के लिए और फरवरी में कुछ घंटों के लिए हुआ था। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर हो रहे घुसपैठ को रोकने के लिए और दीवार बनाने के लिए कांग्रेस से 5.7 अरब डॉलर की मांग की है, लेकिन अमेरिकी संसद अर्थात कांग्रेस ने इसकी मंजूरी नहीं दी। वर्तमान में कांग्रेस के निचले सदन में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है जो फंड देने के पक्ष में नहीं है।

अमेरिका में कामबंदी की स्थिति उस समय उत्पन्न होती है जब वहां की संसद बजट से जुड़े विधेयक को पास करने में असफल रहती है या फिर वहां के राष्ट्रपति द्वारा उस पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया जाता है। इस दौरान सरकारी संस्थाओं को कामबंदी ख़त्म रहने तक बंद कर दिया जाता है। हालांकि इससे देश की सुरक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन लाखों लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है। कामबंदी की वजह से सरकार के प्रति जनता में गुस्सा और अविश्वास पैदा होता है।

अमेरिका में कामबंदी की स्थिति उस समय उत्पन्न होती है जब वहां की संसद बजट से जुड़े विधेयक को पास करने में असफल रहती है या फिर वहां के राष्ट्रपति द्वारा उस पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया जाता है। इस दौरान सरकारी संस्थाओं को कामबंदी ख़त्म रहने तक बंद कर दिया जाता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा, “मेरी इच्छा है कि लोग सीमा पर दीवार को लेकर मेरे विचारों को सुनें या पढ़ें। इसमें किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा। यह लाखों लोगों को ध्यान में रख कर किया गया है, जो इस कामबंदी से बुरी तरह प्रभावित हो रहे थे और इस समझ के साथ ही अगर इन 21 दिनों में कोई सहमति नहीं बनती हैं तो तमाम प्रयास व्यर्थ हो जाएंगे।”

हाल ही में जो विधेयक पास हुआ है उसके अतिरिक्त राशि से ट्रंप अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाना चाहते है। उनका कहना है कि यह उनका चुनावी वादा भी है। दोनों देशों की सीमा पर दीवार बन जाने से मेक्सिको से हो रहे अवैध आव्रजन को रोका जा सकेगा। साथ ही साथ अपराधों और मादक पदार्थों की तस्करी पर भी लगाम लगाया जा सकेगा। अमेरिका-मेक्सिको की सीमा 3,115 किलोमीटर लंबी है जो अमेरिका के चार राज्यों — कैलिफोर्निया, ऐरिज़ोना, न्यू मेक्सिको और टेक्सास से लगी है। हालांकि सीमा पर अभी तक बाड़बंदी नहीं हो पाई है।

2015-16 के दौरान यूरोप में शरणार्थियों से संकट उत्पन्न हो गई थी। सीरिया और अफ्रीका के अलावा अन्य देशों से बड़ी संख्या में शरणार्थी इन क्षेत्रों की तरफ आने लगे थे जिनमें फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी ने इन शरणार्थियों को शरण दी लेकिन जैसे-जैसे ये शरणार्थी बड़ी संख्या में आने लगे, वैसे-वैसे इन देशों की सुरक्षा भी प्रभावित होने लगी। मीडिया में भी इनकी कवरेज होने लगी। इसी बात का फायदा उठाते हुए ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने का वादा किया और अपनी प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन से आगे निकल गए।

वर्तमान समय में दोनों देशों से सटे सीमावर्ती इलाकों के युवा नशे की लत (ड्रग एडिक्शन) का शिकार हो रहे हैं। दीवार के बन जाने से मादक पदार्थों की तस्करी पर कुछ लगाम लगाया जा सकता है लेकिन ज्यादातर मादक पदार्थों की तस्करी बंदरगाहों से होती है। इसके आलावा तस्कर इस व्यापार में सुरंगो का भी सहारा लेते है।

वर्तमान समय में दोनों देशों से सटे सीमावर्ती इलाकों के युवा नशे की लत (ड्रग एडिक्शन) का शिकार हो रहे हैं। दीवार के बन जाने से मादक पदार्थों की तस्करी पर कुछ लगाम लगाया जा सकता है लेकिन ज्यादातर मादक पदार्थों की तस्करी बंदरगाहों से होती है। इसके आलावा तस्कर इस व्यापार में सुरंगो का भी सहारा लेते है। इसलिय दीवार बन जाने से इस समस्या का हल नहीं हो सकता।

शटडाउन ने अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर हो रहे मानवीय संकट से ध्यान हटा दिया है लेकिन यह समस्या अभी भी चल रही है। जनवरी के अंत में, कस्टम और बॉर्डर प्रोटेक्शन एजेंसी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 53 अवसरों पर पकड़े गए प्रवासियों के समूहों में लगभग 8,800 प्रवासी थे। शरण चाहने वालों की “समस्या” कुछ ऐसी नहीं है जिसे एक दीवार ठीक कर सकती है।

शटडाउन के दौरान अमेरिका में जनता का सरकार के प्रति गुस्सा, अविश्वास, बेरोजगारी तथा महत्वपूर्ण विभागों के बंद होने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुँचती है। ऐसे में दोनों पक्षों को बातचीत के माध्यम से एक बीच का रास्ता निकालने की आवश्यकता है।

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